“विघ्नहर्ता”

चारों ओर छाये थे बादल
कुछ संकट के थे,
और कुछ में जल
ऐसे में आया एक सन्देश
बप्पा पधारे हमारे देश
ख़ुशी से मिलकर सबने
पहनाई फूलों की माला
और चढ़ाया मोदक का भोग
पर कुछ दिन हंसाकर
और संकट के बादल हटाकर
बप्पा चले सुना कर
यह आँगन का शोर ।

“Mansi Mundhra”

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